कुछ अलग सा
कुछ अलग सा
दिलों में हैं फासले वो मिटा दें
चलो जिन्दगी को प्यार बना दें
उन से है गुजारिश दुआ दें
मुसीबत के मारे मुस्कान दें
कोई लोगों से जा के कह दे
अफवाहों को इतनी न हवा दे
नौसीखिए हैं कुछ नाविक
कहीं वो न कश्ती डुबा दें।
फुर्सत में खाली हाथ न बैठें
तिमिर में तो दीपक जला दें।
नीयत लगती है बहुत बुरी उनकी
इरादा अपना वे जरा बता दें।