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bhandari lokesh

Romance Tragedy Fantasy

4.1  

bhandari lokesh

Romance Tragedy Fantasy

कठपुतली ~01

कठपुतली ~01

1 min
135


वो कठपुतली थी जोकर की

मैं जोकर था इक सर्कस का

वो दूर हुई तो पता चला

मैं तीर अधूरे तरकश का

क्या दिन थे जब वो राहों में

इंतजार हमारा करती थी

और पास हमें पाकर फिर वो

चुपके चुपके डरती थी

उस डरने में था, प्यार बहुत

और नज़र में था, इज़हार बहुत

काश! खुदा वो दिन लौटा दे

या फिर हमको ये समझा दे

क्या कहना था हमसे उनको,

क्या पैगाम था उनके हर ख़त का

वो दूर हुई तो पता चला

मैं तीर अधूरे तरकश का



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