क्षणिकाएँ- तेरी याद, तुम्हारे बिना
क्षणिकाएँ- तेरी याद, तुम्हारे बिना
१.
तेरी याद
तुम बेख़बर हो,
पर हम मरते हैं यहॉं,
तेरी याद में जलते हैं यहॉं।
२.
तेरी ख़ुशबू
तकियों में बसी तेरी ख़ुशबू है,
सॉंसों में बसी तेरी गन्ध है,
साँसों में फिर वही गन्ध समाई,
कि तकिये से निकल तेरी ख़ुशबू आई।
३.
तुम्हारे बिना
फिर सॉंझ ढल गई तुम्हारे बिना,
फिर रात आ गई तुम्हारे बिना,
हर रात गमगीन बना जाती है तुम्हारे बिना।
हर शाम उदास बना जाती है तुम्हारे बिना।