करूं मैं आराधना
करूं मैं आराधना
मां है हर रूप में पूजनीय,
नौ दिनों में नौ रूपों की
करूं मैं आराधना।
दुर्गा स्वरूपिणी, लक्ष्मी रूपिणी ।
है जग की तू मां,है जग की तू मां।।
शक्ति स्वरूपिणी, सरस्वती रूपिणी ।
है जग की तू मां, है जग की तू मां।।
नव दिन अर्पण करते तुझको,
नव दिन अर्पण करते तुझको,
हर रूप में ध्याते तुझको ,
नव- नव रूपिणी मां ।।
दुर्गा स्वरूपिणी ...........
कष्ट मिटा दे तन के हमरे ,
कष्ट मिटा दे तन के हमरे ,
मन से द्वेष मिटा,
है जग की तू मां,है जग की तू मां।
दुर्गा स्वरूपिणी.....
दुःखी रहे ना जग में कोई,
दुःखी रहे ना जग में कोई,
दुष्टों का नाम मिटा ,
है जग की तू मां है ,है जग की तू मां।
दुर्गा स्वरूपिणी....
तेरी कृपा बरसती रहती ,
तेरी कृपा बरसती रहती ,
बस तृष्णा दूर हटा,
है जग की तू मां,है जग की तू मां।
दुर्गास्वरूपिणी ......
लेखनी को तू वर दे मेरे ,
लेखनी को तू वर दे मेरे ,
सच्चे भाव जगा,
है जग की तू मां, है जग की तू मां।
दुर्गा स्वरूपिणी ,लक्ष्मी रूपिणी,
है जग की तू मां, है जग की तू मां।।
शक्ति स्वरूपिणी,सरस्वतीरूपिणी,
है जग की तू मां है, जग की तू मां।