" करो कोई उकाब "।
" करो कोई उकाब "।
हवा प्रदूषित हो रही,पानी हुआ खराब।
शोर शराबा मच रह,करो कोई उकाब।
करो कोई उकाब,तभी रहे हम खुशहाल।
महामारी खत्म हो, रहे न कोई बदहाल।
कह 'जय'प्रकृति बनती,जीव जगत सबकी दवा।
करो ऐसा उपाय, व्यर्थ न हो ध्वनि जल हवा।
हवा प्रदूषित हो रही,पानी हुआ खराब।
शोर शराबा मच रह,करो कोई उकाब।
करो कोई उकाब,तभी रहे हम खुशहाल।
महामारी खत्म हो, रहे न कोई बदहाल।
कह 'जय'प्रकृति बनती,जीव जगत सबकी दवा।
करो ऐसा उपाय, व्यर्थ न हो ध्वनि जल हवा।