कर्म
कर्म
1 min
148
कर्म से प्रगति है
आलस्य से अवनति
कर्म से पहचान है
जैैसा कर्म- वैसा फल
सत्कर्म से यश मिलेगा
दुुुष्कर्म से दुु ख मिलेगा
कथनी - करनी एक रखो
भीतर-बाहर एक रहो ।
लोभ - क्रोध को दूर रखो
सुु ख - संतोष को पास र खो ।