कर के वा’दा मुकर न जाना जी
कर के वा’दा मुकर न जाना जी
कर के वा’दा मुकर न जाना जी
उम्रभर साथ अब निभाना जी
दर्द को अपने बाँट लेना तुम
मुस्कुराकर न ग़म छुपाना जी
हिज्र में खो न जाएँ होश कहीं
जब पुकारूँ तो लौट आना जी
दिल घड़ी भर ज़रा बहल जाये
सुर लगाओ न तुम पुराना जी
जाग जाएँ न फिर कहीं अरमां
ख़्वाब में चुपके से बुलाना जी