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Swati Kashyap

Abstract Classics Others

4.8  

Swati Kashyap

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कोरोना के साइड इफेक्ट्स

कोरोना के साइड इफेक्ट्स

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हाय कैसै लम्हे कैसे पल

कोरोना ने ढाया है कहर


ये कैसी है मजबूरी

दूरी रखनी है जरूरी


वक़्त ये कैसे मोड़ पे आ गई

दूरियां ही अब दवा बन गई


पॉजिटिव निगेटिव का है सारा खेल

निगेटिव रहने में ही है सबों से मेल


अब तक पानी बिकता था जहां

हवा के मोल भी अब लग रहे वहां


सांसों की ये छिड़ती जंग

देख लोग अब हो रहे सन्न् 


सर्दी गर्मी हो बरसात

कोरोना का हर पल साथ


परछाई भी खुद से डरने लगी है

कोरोना की मौजूदगी उसे खलने लगी है


कोरोना तू हुआ कितना प्रबल

जिंदगी तेरे सामने कितना निर्बल


अमीरी-गरीबी के तुम भेद मिटाते

तेरे कदम हैं कितने निराले


उत्तर दक्षिण ध्रुव को देखा

हाथ मिलाकर चलते देखा


तुम जाने की जिद ना करो

तुम मानवता के हो रखवाले


चार दीवारों को फिर घर बना दो

बंद कमरों में प्यार से जीना सिखा दो !


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