कोरोना एक संकेत
कोरोना एक संकेत


चाइना वालों तुमने माँस बहुत खाया
जीव- जानवर को तुमने बहुत सताया
शर्मसार हो गई थी, क्या मानवता
जो तुम ने राक्षस धर्म अपनाया
कितने जानवर मारे हत्यारों
तड़प - तड़प कर मर गए बेचारे
उनको कितना दर्द हुआ होगा
जब बेरहमी से उनको मारा होगा
हाय पड़ी है उनकी, तुम पर भारी
वैसे ही तुम तड़प रहे हो हत्यारों
चीख सुनी ईश्वर ने उनकी
भोग रहे हो तुम अब हैवानों
माँ, बहनों से बलात्कार किया है
इंसानियत को बे - शर्म किया है
दिल - बोल उठा ईश्वर का तब
दिया संकेत ईश्वर ने भारी
बुरा न, मानो कोई उसे
नाम है उसका "कोरोना"
पैसों के लालच में सारी दुनिया
डूब गई
भूल गए सब धर्म अपना ,
समझ रहे खुद को ज्ञानी
चक्र चलाया ऐसा उसने,
बैठ गए सब घरों में
शोक जता रहे है आज ,
घर में जैसे मर गई नानी