कोई हर्जा तो नहीं।
कोई हर्जा तो नहीं।
प्राकृतिक है ये कोई बनावट नहीं,
ये अहसास है कोई शरारत नहीं।
सामने आप हैं कोई पर्दा तो नहीं
दिल की बातों का कोई हर्जा तो नहीं।
रूठे तो तुम हमारी खता तो नहीं
कहना चाहते हो कुछ पर गिला नहीं।
अदाओं से रीझना कोई कला तो नहीं
दिल की बातों का कोई हर्जा तो नहीं।
ये प्यार का मौसम है पतझड़ तो नहीं
दिल की गलियों में कोई रुकावट तो नहीं।
हक़ीक़त है क्या कोई सपना तो नहीं
दिल की बातों का कोई हर्जा तो नहीं।