कलाकार
कलाकार




दुनियां है रंग मंच हम सभी कलाकार हैं
अनेकानेक रूपों को करते हम साकार हैं
कभी हंसते, हंसाते हैं कभी रोते रूलाते हैं
कभी पहन मुखौटे असली रूप छुपाते हैं
कभी अभिनय पसंद आता है कभी नहीं
सबको खुश कर पाना संभव भी तो नहीं
हमें अपना किरदार बखूबी निभाना चाहिए
वृक्ष नदी सूर्य सा परोपकार निभाना चाहिए