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Chandresh Kumar Chhatlani

Inspirational

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Chandresh Kumar Chhatlani

Inspirational

किताबों की अभिलाषा

किताबों की अभिलाषा

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किताबें कब कहती हैं कि,

उन्हें लगाओ सिर आंखों पर।

वे कहां कहती हैं कि,

उनके पन्ने मत घिसो।

वे ये भी नहीं कहतीं कि,

किसी शेल्फ में वे चमकती रहें।

वे तो बन जाती हैं,

सीढ़ियां,

ताकि हम और आप उन पर रख कर पैर,

तय कर सकें मंजिलें।

और,

हम ढूंढते रहते हैं,

इंसानों में कि कोई हाथ पकड़ कर खींचे।


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