किस्मत है तू
किस्मत है तू
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ख़्वाब तू मेरी हक़ीक़त है तू,
रब है तू, मेरी इबादत है तू।
तेरे दीदार से सुब्ह शब होती,
मेरी आदत तू, ज़रूरत है तू।
तुझसे रोशन है मिरा मुस्तक़बिल,
रेखा हैं हाथों की, किस्मत है तू।
है किताबों की मिरी हर कागज़,
पे छपी सारी इबारत है तू।
पहली ना आख़री तू है मेरी,
सिर्फ़ सच्ची ही मुहब्बत है तू।
22nd October 2021 / Poem 43