Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

D Avinasi

Tragedy

3  

D Avinasi

Tragedy

किसान

किसान

1 min
203


कहलाते हैं अन्नदाता कुछ, भूखे पेट रहते।     

 मेहनत का खना खाते अरु,तकलीफे सहते।।  

कोई समता ना कर पाए,ना वे फ़िक्र करें।

प्रातः करें चबेना खुश हो, मनमें धैर्य धरे।।       

सामको भोजन करें और, संतोष मिला वो कहें।     

कहलाते,,,,,1           

नाम किसान पड़ा ऐसे , खुद जाने सकल जहान।   

वो पिसान सा पिसते रहते इसी लिए वो महान।।           

जय किसान की बोले सब कोई,परहित दुख वो सहे।   

कहलाते,,,,,,,,2।        

मनमे कोई मैल नहीं हो, खुशियां खूब मनाये।   ‌ ‌

खेतों की फंसलों को देखे,स्वर्ग सा सुख वो पायें।।      ‌            

फिरनी कोई फ़सल उजाड़ें,हानि स्वयं सहे।  

कहलाते,,,3        

गर्मी वर्षा जाडे में भी, करते श्रम रहते।    

तारों तरफ की बाधा भी सहे,सत पथ ही गहते।।

फिरभी कुछ ना माने कोई, समता भाव रहें।   

कहलाते,,,,,4      

सुविधाएं मिल जाए उनको,नाघमंड आये।  ‌

शौक नहीं वो करें कभी भी,शौक चीज ना भाये।।

इसीलिए वो महान होते , सत की राह गहें।      

कहलाते,,5        

मानवता को धर्म मानते, कर्म ही पूजा जाने।    

इसीलिए वो मंजिल पाते, घट पथ पंथ न ठाने।।  

अविनाशी खुद रब समान हो,पाल सभी को रहे।    

कहलाते,,,,,,,,,,6           डॉ देवीदीन अविनाशी अविनाशी सत्य लोक एवं औषधीय फूल फल लघु उद्यान भरुआ सुमेरपुर हमीरपुर उप्र

  ‌‌     ‌         


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy