ख्वाबों की उड़ान
ख्वाबों की उड़ान
ख्वाबों में तो उड़ान इतनी होती है
कि आसमां को छू जाती है पर
हकीकत में इतनी नीचे गिरती है कि
फिर कभी उड़ नहीं पाती है
ख्वाब ऐसे हैं कि
सपनों को बोलने में वक्त नहीं लगता
पर हकीकत ऐसा है कि
उन ख्वाबों को पूरे करने में उमर बीत जाती है
क्या खूब बड़े बड़े ख्वाब देखे हैं मैंने
डर भी है कि कहीं टूट ना जाए
पर अब तक की सारी मेहनत से भी
ये सपने पूरी तरह से पूरे ना हो पाए
बस उम्मीद है कि एक दिन यह ख्वाब
हकीकत बन जाए और
हकीकत ऐसा हो कि
ख्वाबों में भी याद आए।