ख्वाबों की दुनिया
ख्वाबों की दुनिया
एक नहीं हजारों ख़्वाब हम बुने हैं,
ख्वाबों को सच करना अपना काम है।
जिंदगी सर्व साधन संपन्न हो तो,
जीने का मज़ा आ जाता है।
धरा पर तो अनन्त सु:ख _सामग्री है,
सिर्फ़ उस सामग्रियों को निकालना है।
फिर उसे अपने लिए प्रयोग करना,
और उसके लाभ से लाभान्वित होना है।
विकास के परचम को और ऊंचा करना है,
खुशियों का सैलाब लाकर दिखलाना है।
अपने साथ _साथ समाज की खुशियां,
का भी ख्याल रखते हुए चलना है।
जग भला तो हम भला,
की नीति अपनाना है।
दुनिया की भलाई करते रहना,
खुदबखुद घर_घर में खुशी आ जाएगा।
चारों तरफ सादगी की वातावरण हो,
हर लबों मधुरता भरे ही शब्द हो।
एक_दूसरे में अद्भुत प्यार हो,
गम को बांटने की मंशा हो।
मजहब आड़े ना आएं,
मानवता की भाव की दीप जले।
जीव हमारी जाती है,
धर्म नहीं कोई न्यारा है।