ख़्वाब
ख़्वाब
मैं जुड़ूं उनसे, और
उनमें ही कहीं खो जाऊं।
इन्तजार में जगी
उन सारी रातों के बदले
हमारी मुलाकात पर,
उनकी बाहों में,
एक अरसे लंबी नींद सो जाऊं।
एक नज़र पड़े
उनकी मोहब्बत भरी
मैं बरसों की जोगन,
उस क्षण ही पाकीज़ा हो जाऊं।
उनके प्रेम की परिभाषा
तल्लीन रहे मुझमें,
काश, मैं उनके नाम से जुड़ने वाली
उनकी "गरिमा" बन पाऊं।