ख्वाब
ख्वाब
मैंने इक ख्वाब देखा
शहरों में हरियाली देखी
हवा इठलाती बह रही थी
बहते - बहते कह रही थी,
मेरे प्यारे मनुज तुम
पर्यावरण को शुद्ध रखना
वृक्षारोपण खूब करना।
हाँ, मैंने इक ख्वाब देखा
पंछी सारे चहक़ रहे थे
बच्चों के संग खेल रहे थे
फूल भी मग्न हो
बच्चों के संग नाच रहे थे,
आँख खुली तो मैंने देखा
हरियाली और खुशहाली से
गाँव मेरा महक़ रहा था।