ख्वाब और ख़्याल
ख्वाब और ख़्याल
लोग बेहाल दिखते हैं
मोहब्बतें याद करते है
क्यों बेहाल होना ?
ख्वाब और ख्याल है न !
कोई ख्याल करे न करे
इश्क़ सबाब करे न करे
क्यों गमख़्वारी करना
ख्वाब और ख्याल है न !
संभलता बिखर जाए
दिल दर्द से भर जाए
क्यों शिकायत करना
ख्वाब और ख्याल है न !
कैफियत भी गुलाब है
तरबियत भी गुलाब है
क्यों बेवक्त मुर्झाना
ख्वाब और ख्याल है न !