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Garima Kanskar

Drama

3  

Garima Kanskar

Drama

खुशी पे हक

खुशी पे हक

1 min
220


मेरी मां 20 बरस की ही थी

की मेरे पापा की मृत्यु हो गई

उस वक्त में माँ के गर्भ में ही थी

मैंने अपने पापा को देख भी नहीं

पर माँ ने मुझे माँ और पापा दोनों का

प्यार दिया और काबिल डॉक्टर बनाया 

अब मेरी शादी हो जायेगी 

तो माँ अकेली हो जायेंगी

ये सोचकर मैं माँ की 

शादी कराना चाहती थी

मैंने उनके लिये कई लड़के देखे 

पर वो हमेशा कहती

तुम्हारा दिमाग ख़राब है

फिर मुझे एक अंकल 

मिले उन्होंने बताया वो उन्हें पिछले

10 सालो से पसंद करते है

पर कभी कह नहीं पाये

मैंने उनका साथ दिया

उन्होंने माँ को अपने दिल की

बात बताई माँ ने कहा

शादी तो नहीं हाँ दोस्त बन सकते है

धीरे धीरे दोस्ती प्यार में बदली

और दोनों एक दूसरे के इतने

करीब है जब इस बात का 

एहसास दोनों को हुआ तो

इस उम्र में लोग क्या कहेंगे

ये भूलकर दोनों ने दिल की सुनी

और शादी कर ली

मेरी माँ को उनके हिस्से की 

खुशियाँ मिल गई



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