Sunita Katyal
Drama
खुले आसमां
तले जब सोती थी
संग तारों की
बारात होती थी
अब ए सी में
सोती हूँ
बंद कमरे में
तन्हा होती हूँ।।
आजमा के देख ल...
खिली धूप
यादें
वो मकान
वर्तमान में ज...
हार को जीत मे...
इरादा करके दे...
मुझे मिलने आन...
तनाव सिर्फ़ त...
पति पत्नी
दोष ना देना अब हमें रिश्ता तो ये तोड़ा है सिर्फ तुमने। दोष ना देना अब हमें रिश्ता तो ये तोड़ा है सिर्फ तुमने।
देख लेना हम विजयी हो जायेंगे हम रिश्तों का इतिहास बनाएंगे। देख लेना हम विजयी हो जायेंगे हम रिश्तों का इतिहास बनाएंगे।
सुर करेंगे हवाओं से दोस्ती बोल कानो में मिश्री घोल जायेंगे। सुर करेंगे हवाओं से दोस्ती बोल कानो में मिश्री घोल जायेंगे।
ले चली में रिश्तों की पोटली संग अपने तुम भी एक हिस्सा इस पोटली का रखना। ले चली में रिश्तों की पोटली संग अपने तुम भी एक हिस्सा इस पोटली का रखना।
गुज़रे ज़माने, भूले रिश्तों से, क्यों नहीं नाता तोड़ू मैं। गुज़रे ज़माने, भूले रिश्तों से, क्यों नहीं नाता तोड़ू मैं।
उम्र गुजर जाती है रिश्ते संभलते नहीं, रिश्तों के बगैर लोग चलते नहीं। उम्र गुजर जाती है रिश्ते संभलते नहीं, रिश्तों के बगैर लोग चलते नहीं।
साथ निभाने वाले रिश्तों का परिवार भी मैंने देखा है। साथ निभाने वाले रिश्तों का परिवार भी मैंने देखा है।
रोज की आदत हो गई ख्वाब आज मेरी मर गई। रोज की आदत हो गई ख्वाब आज मेरी मर गई।
ख़्वाहिशों की पोटली, आख़िरकार फैंकनी पड़ी। ख़्वाहिशों की पोटली, आख़िरकार फैंकनी पड़ी।
कुछ खट्टी मीठी यादों की निशानी है। कुछ खट्टी मीठी यादों की निशानी है।
दुआओं की बरखा आए बुजुर्गों के प्रति दिल में। दुआओं की बरखा आए बुजुर्गों के प्रति दिल में।
चार काँधों पर लेकर चलेंगे आज ऐसे किसी अज़ीज को उठाया हो जैसे। चार काँधों पर लेकर चलेंगे आज ऐसे किसी अज़ीज को उठाया हो जैसे।
कि कहाँ है वो रिश्ते जिसको तूने इतने प्यार से सींचा था ? कि कहाँ है वो रिश्ते जिसको तूने इतने प्यार से सींचा था ?
तुम हो शक्ति, बुद्धि और प्रेम तो शिव मान कर मुझे जीना होगा। तुम हो शक्ति, बुद्धि और प्रेम तो शिव मान कर मुझे जीना होगा।
डोली छोड़ जाये तो आंसू छलक जाये। डोली छोड़ जाये तो आंसू छलक जाये।
रिश्ता वो पगड़ी है जो हर घर की आन है। रिश्ता वो पगड़ी है जो हर घर की आन है।
ये रोबट को ही पहचाना अब का बच्चा गाँव न जाना। ये रोबट को ही पहचाना अब का बच्चा गाँव न जाना।
यादें तेरी मिटेंगी नहीं, फूल जीवन में उसी से खिलेंगे। यादें तेरी मिटेंगी नहीं, फूल जीवन में उसी से खिलेंगे।
मगर वो रिश्तों की पोटली थी साहब, जो समेटे हुए थी कितनी यादों को। मगर वो रिश्तों की पोटली थी साहब, जो समेटे हुए थी कितनी यादों को।
प्यार की चाशनी में उन्हें घोल लूँ। प्यार की चाशनी में उन्हें घोल लूँ।