Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Anjana Singh (Anju)

Others

4  

Anjana Singh (Anju)

Others

खोइछा पीहर का

खोइछा पीहर का

1 min
246


सदियों से चली आ रही रीत पुरानी

हर बेटी के पीहर की है निशानी


बेटियां पीहर से जब विदा होती 

खोइछा की रस्म जरूर है होती


माना आज समय बदल गया है

पर पीहर से नाता वही रह गया है


विदाई पर जब बेटी लौट कर आती

मां से खोइछा की सौगात लाती


दूभ, हल्दी, चावल के दानें

हर बेटी समझतीं इसके मायने


घर के पूजा के स्थान पर

मां आती खोइछा थाल लेकर


फैला देती बेटी अपना आंचल

मां देती प्यार से खोइछा डाल


चावल के थोड़े दाने रख लेती 

खोइछा के साथ आशीष दे देती 


मां कहती थोड़ा चावल दो उछाल

तेरा पीहर रहेगा सदा निहाल


मांग में सिंदूर जो भरती

सदा सुहागन का आशीष वो देती


ना रखती मां कोई कसर

उतारती बेटियों की नजर


कुछ सीख मां की समझ नहीं आती थी तभी

वो सारे मतलब समझ में आने लगे अभी


मां की दी हुई स्नेह भरी खोइछा

 मां का प्यारा एहसास कराती है सदा


हर बेटी के लिए प्रिय होता है खोइछा

मां का एहसास दिलाता है खोइछा


खोइछा मां का लाड़ प्यार है

पिता का स्नेह दूलार है


पीहर की संपन्नता और मान है

ससुराल में दिलाता सम्मान है


यह खोइछा अनमोल खुशी दे जाती है

पीहर को महसूस कराती है।


Rate this content
Log in