खमोशियाँ गुम नहीं होती
खमोशियाँ गुम नहीं होती
वक़्त निकाल कभी खुद से मिल आया कर
अजनबी लोगों से दिल मत लगाया कर
हुस्न की दीवानगी बस दीवानगी हीं होती है
तू हुस्न से ज्यादा अपना मन सजाया कर
मोम सा दिल भी एक़ रोज़ पत्थर बन जाता है
दिल की बातों को तू दिल से मत लगाया कर
आवाज़ों की भीड़ में खमोशियाँ गुम नहीं होती
ख़्वाबों के ढेर पर तू अपना घर बनाया कर।