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Rajit ram Ranjan

Abstract

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Rajit ram Ranjan

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ख़ुद को कब ढूंढ़ पाओगे....!

ख़ुद को कब ढूंढ़ पाओगे....!

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Dp शेयर कर-करके कब तक उम्र घटाओगे 

Like पे like कितना बढ़ाओगे 

फेसबुक कि दुनियाँ से बाहर कब आओगे 


भुलाकर whatsapp का chat

परिवार के साथ खाना कब खाओगे 

Google पे ही ढूँढोगी सबकुछ

ख़ुद को कब ढूंढ़ पाओगे !


आओगे-जाओगे राहों में यूँ मुर्दों कि तरह, 

ज़िंदा कब हो पाओगे 

ज़िन्दगी फ़िल्मों कि तरह नहीं होती, 

कभी तो समझ जाओगे 


ऐ मेरे दोस्त मुझे गले कब लगाओगे 

सपनों कि दुनियाँ से निकलकर

हक़ीक़त तक, कब पहुंच पाओगे 


फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज-भेज कर थक जाओगे, 

पर सच वाला कोई फ्रेंड नहीं बना पाओगे 

Google पे ही ढूँढोगी सब कुछ

ख़ुद को कब ढूंढ़ पाओगे।


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