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Mamta Rani

Abstract Others

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Mamta Rani

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खामोशियाँ

खामोशियाँ

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तुझे खोना ही नहीं है

रहना है तेरे पास

तुझमें ही बस के

तेरा हो जाना है


हाथ छुड़ा के कभी

ना जाना,

थोड़ा तो थोड़ा ही सही

मन में बसा जाना


अस्तित्व नहीं है जैसे तुझ बिन

अस्तित्वहीन ना कर जाना

बेरुखी ना दिखाना कभी

कठोर दिल को ना कर जाना


खामोशियों में भी 

इक शोर है,

गूंजती, कराहती सांसों

का बोझ है।


बातों में भी खामोशी है

खामोशी भी बातें करती है

तू हो पास, यही आस

मन में रखती है।


तुझे खोना ही नहीं है

रहना है तेरे पास

तुझमें ही बस के

तेरा हो जाना है।



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