खामोशी
खामोशी
जिन लम्हो में तुम खामोशी चाहते हो
वो पल तुम हमारे साथ काट सकते हो
जब भी जाहिर करने हो जज्बात
तुम अपनी तकलीफ बांट सकते हो
गुस्से में मन जब भी भारी हो जाये
तुम बेझिझक मुझे डांट सकते हो
मेरा रिश्ता तुम पर कोई बोझ नही है
तुम जब चाहे ये डोर काट सकते हो।