खामोश
खामोश


क्या यूँ खामोश होना पड़ेगा हमें,
दिन में भी होश खोना पड़ेगा हमें।
यूँ सुधरने के आसार दिखते नहीं,
फिर से बेहोश होना पड़ेगा हमें।
खो गई ये दुनिया या खोये हैं हम,
खुद का ही दोष धोना पड़ेगा हमें।
हार कर बैठ जाने से क्या फायदा,
कि इक नया जोश बोना पड़ेगा हमें।
कि हैं जो हालात गम्भीर लगते हमें,
जो सूखे पत्ते ओस होना पड़ेगा हमें।
कि है धुआँ ही धुआँ बस नज़र आ रहा,
इसमें मदहोश होना पड़ेगा हमें।
सुन लें अच्छा है ख़ामोशी से वरना फिर,
राही उद्घोष होना पड़ेगा हमें।