कच्चे धागे से पक्के रिश्ते
कच्चे धागे से पक्के रिश्ते
कहने को होते यह कच्चे धागे।
मगर जिसके बंध जाए हो जाता उससे मजबूत रिश्ता पक्का।
और बन जाते यह कच्चे धागे पक्के धागे।
जिस तरह मौली बांधने पर होता भगवान से रिश्ता प्यारा।
उसी तरह जिंदगी भर के लिए सुनहरे पक्के धागे ।
एक भाई को बहन का रक्षाबंधन पर राखी बांधना।
भले यह कच्चे धागे की बनी हो, भले वो सुंदर राखी हो।
दोनों का मतलब एक होता है, मजबूत रिश्ता इससे जो जुड़ जाता है।
इसीलिए कच्चे धागे का महत्व और बढ़ जाता है।
कच्चे धागे बहुत पक्के से बंधे रिश्ते बहुत पक्के होते हैं।
हर भाई का बहन से जो रिश्ता होता है।
उसका एक अलग ही महत्व होता है ।
हर राखी के दिन बहन भाई को और भाई बहन को याद करते हैं।
दूर रहते हैं तो राखी भेजते हैं। पास रहते हैं तो राखी बांधते हैं।
और उपहार लेते हैं मिठाई खाते हैं त्योहार मनाते हैं।
रक्षा का वचन निभाते हैं।
राखी का दिन खास होता है बहन कहीं भी रहे ।
भाई को याद कर लेती राखी भेज कर।
मन में यह गीत गुनगुनाती है।
वीरा ओ बीरा थारी ओलु घनी आवे रे।
किकर आऊं थारोड़ा देश में।
आगी घणी आगी थे तो माने परणाई सा।
चुनरी ओढाय वीरा कीनी परायी सा।
डागलियां मां बेठा वीरा रोऐ जाइ सा ।
राखड़ी पूनम दिन बीरो याद आवे ओ
था बिन वीरा ओ कूण राखी बंधावेओ।
भेजूं परदेश थाने राखड़ी हो वीरा मारा सा
राखड़ी पूनम दिन राखी बंधावी दीजो बहन ने थांरा आशीर्वाद सा
बहन भाई की जोड़ी सलामत राखजो
भगवान थे माने ऐसा आशीर्वाद आप जो।