कब जागोगे
कब जागोगे
कल उसका क़त्ल हुआ था
मैं चुप रहा
आज मेरा क़त्ल हो रहा है
तुम चुप हो
कल तुम्हारा क़त्ल होगा
और सब चुप रहेंगे
हम कब तक चुप रहेंगे
कब तक सहेंगे
सबके मिट जाने तक
या ख्वाबों से निकल कर
किसी मसीहा के आने तक
कोई नहीं आएगा
एक दिन तुम्हारा भ्रम टूट जाएगा
मत करो इंतज़ार
मिल कर संभल कर
पलट कर करो वार।