कौन हैं हम....
कौन हैं हम....
दिल से दिल को मिलाती वो तमन्ना हो तुम...
मेरी हर कमी को, सिर्फ मिटाते हो तुम...
मैं अंधेरा हूँ तो रोशनी हो तुम...
कहीं धूप हो तो एहसासों की छाँव हो तुम...
रात की परछाई में उजलता चाँद हो तुम...
तपती रेगिस्तान में एक बूँद पानी की आस हो तुम...
मेरी सुनी कलाईयों में खनखनाती-सी चुड़ीयाँ हो तुम...
जो हवा में लहरातें मेरे गालों पर वो झुल्फों की लड़ियाँ हो तुम...
मेरी आँखों के आँसूओं को छलकाते पलकें हो तुम...
>मेरे होठों पर आकर ठहर जाती हैं वो मुस्कुराहट हो तुम...
चलूँ तो छनकती पायल का साज हो तुम...
रूँकू तो धड़कनों की आवाज हो तुम...
मेरा रूँठना... तेरा मनाना हो तुम...
वो छेड़-छानी...वो अपनापन हो तुम...
वो सफेद दुपट्टेपर चढ़ता इश्क का रंग हो तुम...
कहाँ नहीं हो तुम...
यहाँ तुम... वहाँ तुम... हर पहर हो तुम...
तुम ना हो तो भी....सिर्फ होते हो तुम...
मेरी जिंदगी की आखरी मुहब्बत हो तुम...