कौन है हमसफ़र किसी का
कौन है हमसफ़र किसी का
इंतजार किसका कर रहा है
जब मंज़िल तक तुम्हें अकेले जाना
क्यों रोना रो रहा है किस्मत का
किस्मत को तो धकेले ले जाना है
कौन है यहां हमसफ़र किसी का
सब बोझ स्वार्थ का ढो रहे हैं
तू उनकी बातों में मत आ जाना
जो मगरमच्छ के आँसू रो रहे हैं
पीछे कौन है देख कर वक्त मत
गंवा
आगे क्या है देखता चल
आसपास नज़ारे हसीन है तेरे
पर तू विपदाओं से आँखें
सेकता चल
इंतजार वह करते हैं
जो कुछ करने लायक नहीं होते
पर याद रखना
साथ चलने वाले भी सभी
सहायक नहीं होते
किसका साथ ढूंढ रहे हो
जब अकेले आए हो अकेले जाना है
भूल जा अपने आपको भी
अगर तुम्हें कुछ पाना है।।