कैसे कहूँ तुमसे।
कैसे कहूँ तुमसे।
से कहूँ तुमसे
जब तुम खामोश होते हो
तो बड़ी अजीब सी
बेचैनी होती है।
कैसे कहूँ तुमसे
जब तुम दूर होते हो
तो वह रात कितनी
डरावनी होती है।
कैसे कहूँ तुमसे
तुम्हारे ही ख्यालों में
दिन रात मैं खोयी
खोयी रहती हूँ।
कैसे कहूँ तुमसे
दूर होकर भी
संग तुम्हारे, सपनों में
बहती जाती हूँ।
दिल में छुपे है जो अरमान
आँखें लूटा चुकी जो नींदे
कैसे कहूँ तुमसे
कैसे कहूँ तुमसे।