कातिल नज़र
कातिल नज़र
जंगल से एक सुनसान सड़क जाती है,
एक शेरनी शेर का इंतजार करती है,
कभी गलती से तुम वहाँ से न गुज़रना,
वो अच्छों की नियत खराब कर देती है,
काँटती, घायल करती, बात अलग होती,
वो कातिल नज़रों से कत्ल कर देती है।
जंगल से एक सुनसान सड़क जाती है,
एक शेरनी शेर का इंतजार करती है,
कभी गलती से तुम वहाँ से न गुज़रना,
वो अच्छों की नियत खराब कर देती है,
काँटती, घायल करती, बात अलग होती,
वो कातिल नज़रों से कत्ल कर देती है।