कागज का मूल्य
कागज का मूल्य


वह कागज ही तो है
जिससे हमारी पहचान है
कागज पर ही तो टीका
आदमी का ईमान है
कागज तो अपने अंदर
इतिहास छुपाए बैठा है
कागज पर ही लाला
कर्ज़ का हिसाब लिख बैठा है
कागज की कश्ती बनाकर
हमने बरसात के पानी में चलाई है
अखबार की पुरानी पन्ने पर ही तो
एक गरीब में रात बिताई है
रोज सुबह अखबार के रूप में
कागज की तो खबरें लाता है
कहीं खुशियां और कहीं गम
यह कागज ही तो फैलाता है
यह कागज ही तो है
जिसपे किए जाते हैं सौदे
इन्हीं की वजह से टूट
जाते हैं न जाने कितने रिश्ते
इसीलिए तो कहती हूं
कागज की कीमत पहचान लो
यह कितना मूल्यवान है
अच्छे से तुम जान लो।