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जज़्बात !

जज़्बात !

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दिल को संभालने को दिल के करीब आया !

वक़्त गुजरा मगर वो लम्हा मेरे नजदीक आया !!


काश ये पल यूँ ही थम जाये !

किसी मोड़ पर से जाकर वापस कभी ना आये !!


ये प्यार ये फ़िज़ा ये एहसास !

हमेशा रहेंगे ये मेरे दिल के पास !!


ये मोहब्बत और इसका खुमार !

ये ख्वाब और इसे छन से गूँज जाने की आस !!


हर रोज़ कोई ख्वाब बुनूँ !

हर रोज़ कोई चाँद तोड़ूँ !!


दिल की बात को लबों पर लाऊँ !

या तू ना हो तो इसे खुद से जुदा कर जाऊँ !!


थम जाती हैं मेरी साँसें !

यह सोचकर तेरे एहसास को !!


आहट हुई कुछ इस तरह !

ज़िन्दा कर गई फिर से मेरे जज़्बात को !!


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