जज़्बात
जज़्बात
कुछ ऐसी बात है इस दिल की...
जो इस ज़िंदगी को खुशनुमा बना देती है!
बस अपनी जज़्बात को ज़िंदा रखना पड़ता है...
अक्सर वहीं मात दे जाती है तन्हाई...!
खुद में वो जज़्बा पैदा करो, ऐ दोस्तों,
कि वक्त-ओ-हालात तुम्हें मात दे न पाए...!
तुम ही वक्त पे भारी पड़ो...!!
हिम्मत से काम लो, ऐ दोस्तों,
अभी और भी हैं जद्दोजहद भरी ज़िंदगी...!
कई मक़ाम और भी हैं हासिल करने को...
अभी से क्यों चलते-चलते रुक जाना...?
मंज़िल पास है और अभी से क्यों ठहर जाना...?
चलते चलो, ऐ दोस्तों, इस देश को
और है आगे ले जाना...!!!
चलो, हम सब मिलकर इंसानियत को
ऊँचा उठाएं...
ऐसे ही एक-दूसरे को हिम्मत दें...
यूँ ही सशक्त भारत की नींव रखें...