Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

4.5  

Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

जय श्री देव स्तुति

जय श्री देव स्तुति

1 min
403


माघ शुक्ल सप्तमी को लिया हिंद धरा पर जन्म

भगवान देवनारायण ने पाप को किया खत्म

तेरी जय हो देव दरबार मिटाते सर्व जीवन तम

दुःखियों के कष्ट मिटाते,खत्म करते सारे भ्रम


लोक देवता रूप में पूजे,सारे भारतवासी हम

गांव-गांव देवरा,तू रक्षा करता हमारी हरदम

तंत्र-मंत्र के ज्ञाता,श्री हरि रूप तुम्हे कोटि नमन

तू हो चंदन देव,में पाप गरल धारी मनु सर्प हम


लिपटा दो भक्ति से,बना दो विष को सुधा तुम

करो प्रभु रक्षा मिटा दो हृदय से माया मम तुम

तेरो जय हो देव दरबार मिटाते,सर्व जीवन तम

यह दुष्ट जग जब भी करता है,मेरी आँखें नम


देता है,मुझे जब-जब दरिया भर के देव गम

में आ जाता देव,तेरे मंदिर,खत्म हो जाते भरम

में साखी देव आया,शरण तेरी,लाख राखो मेरी

कलियुगी वातावरण से देव नित रक्षा करो मेरी


सत्य-धर्म पर चल सकूं,ऐसी करो देव दशा मेरी

भक्ति का वरदान देकर,तोड़ दो जग-जंजीरे मेरी

भव सागर पार हो,बन जाओ पतवार देव तुम

जलाती है,सांसारिक डाह इसे कर दो देव खत्म


में आया शरण,शीतल कर दो हृदय ताप तुम

बनो दो जग अंगारों को देव दरबार शबनम तुम

तू ही सहारा,तेरे बिना कोई नही मेरा मित्र कलम

आपकी जय हो देव दरबार मिटा दो सब तम।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational