जो तेरा है- तुझ तक आएगा
जो तेरा है- तुझ तक आएगा
जो तेरा है- तुझ तक आएगा,
न हो, उड़ जाएगा।
अल सबेरे
खिड़की खोल
उजली किरण को न्योता दे,
जो तेरी हो-
खिड़की भर पसरेगी,
न हो, सरकती जाएगी
उजास को थामने की कोशिश न कर।
बंद मुट्ठी,
बंद आंखें
एक प्रार्थना, एक कामना,
जो तेरी हो-
पूरी ही होगी,
न हो, मुट्ठी खुल जाएगी
इच्छा को बांधने की कोशिश न कर।
खिलती कलियां
महकी कलियां
फुलवारी के आंगन में,
जो तेरी हों-
डलिया भर जाएगी,
न हों, कलियां यूं ही झड़ जाएंगी
कलियों को चुनने की कोशिश न कर।
तारों भरा है
नीला अंबर
झिलमिल सी चादर ओढ़े,
जो तेरे हों-
आंगन में उतरे आएंगे,
न हों, भोर भए बुझ जएंगे
तारों को गिनने की कोशिश न कर।
बैठ किनारे
लहरों को गिन
पल पल बनतीं, फेनिल सुंदर,
जो तेरी हों-
तुझ तक दौड़ी आएंगी,
न हों, सागर में मिल जाएंगी
लहरों को पाने की कोशिश न कर।