जिसके शीश गुरु का साया
जिसके शीश गुरु का साया
जिसके शीश गुरु का साया
वही सफल जीवन है पाया
गुरु की महिमा गुरु का ज्ञान
दे देते शिष्यों को ये उपहार
होते पथ प्रदर्शक शिष्यों के
स्वप्न सभी के करते साकार
कुशलता से कर्तव्य निभाया
जिसके शीश गुरु का साया..
सही ग़लत में भेद बताकर
अपने हर अनुभव सुनाते
तन-मन से कर देते कर्मठ
जीवन का हर रुप दिखाते
हर क्षेत्र में उसे श्रेष्ठ बनाया
जिसके शीश गुरु का साया..
मुसीबतों का हल बन जाते
हर कौशल में कुशल बनाते
गुरु बिन हम हम होते नहीं
कैसे बाधाओं से नैन मिलाते
खंडहर महल सा सज पाया
जिसके शीश गुरु का साया!