जिंदगी
जिंदगी
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बहुत खूब हैं तो जिंदगी,
है,
हँसाती हैं, कभी रुलाती हैं।
पल में परायों को अपना,
पल में अपनों को पराया बनाती हैं।
बहुत खूब है तू जिंदगी,
गिले भी हैं, शिकायत भी हैं,
अपनेपन की चाहत भी हैं।
हर दुख में तू नया पाठ सिखाती हैं।
बहुत खूब हैं तो ऐ जिंदगी,
जो न समझा कभी,
वह तू पल में सिखाती हैं।
दुखियों को पल में हँसाती हैं।
हर पल मुस्काना सिखाती हैं।।