ज़िन्दगी
ज़िन्दगी
किसी शायर ने पुछा हमसे....
कि ज़िन्दगी क्या है....
ज़िन्दगी के अनेक रंग है...
ज़िन्दगी इंद्रधनुष के रंगो के समान है...
ज़िन्दगी में फूलों सी महक हैं...
ज़िन्दगी में हवा सी मुस्कान है..
ज़िन्दगी फूलों की तरह खिल खिलाती है...
तो कभी कलियों की तरफ मुरझा जाती है...
ज़िन्दगी बादल के छाँव सी...
तो कभी तपती धूप सी....
ज़िन्दगी मुसाफिरों का सफ़र है..
ज़िन्दगी राहगीरों की राह है...
ज़िन्दगी एक इम्तिहान है...
ज़िन्दगी सफ़लता की सीढ़ी है...
ज़िन्दगी कभी जीत तो कभी हार की कहानी है...
ज़िन्दगी में कभी खुशी तो कभी गम से भरे अल्फ़ाज है...
ज़िन्दगी में कभी प्यार है...
तो कभी टकरार है...
ज़िन्दगी कभी मिठी इश्क की चासनी सी..
तो कभी नीम के पत्तों के रस सी...
ज़िन्दगी कभी इतिहास के पन्नों में बन्द पड़ी रहस्य सी...
तो कभी खुली किताब सी....
ज़िन्दगी अनोखे अंदाज सी...