ज़िंदगी मेरी मुझसे रूठ गयी है
ज़िंदगी मेरी मुझसे रूठ गयी है
ज़िंदगी मेरी मुझसे रूठ गयी है
हिम्मत मेरी टूट गयी है
सपने मेरे बिखर गए हैं
देखे थे ख़्वाब खुले आसमानो में उड़ने के
मगर होगए चकनाचूर
हिम्मत मेरी टूट गयी है
ज़िंदगी मेरी मुझसे रूठ गयी है
जब भी उड़ने की कोशिश की
काट दिए गए मेरे पर
अपनों ने ही दिए जख्म
अपनों ने ही किया है तंग
रुकावट डाली कामो मे
सपनो को मेरे कुचल दिया
जब भी कुछ करना चाहा
दुश्मनो ने दबा दिया
ज़िंदगी मेरी घुट रही है
सब कुछ है अनजान
समय का पहिया भाग राहा है
हिम्मत मेरी टूट गयी है
ज़िंदगी मेरी मुझसे रूठ गयी है।