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Deepti S

Inspirational

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Deepti S

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ज़िन्दगी का सफ़र

ज़िन्दगी का सफ़र

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माँ के गर्भ से शुरू हुआ,अंत धरती माँ के गर्भ में होना है

ज़िन्दगी के इस सफ़र में कभी हँसना है कभी रोना है


बचपन,युवा,प्रौढ़,वृद्ध,अवस्थाएँ ज़िन्दगी में चक्र सी लगती हैं

जब माँ बनकर एक स्त्री अपने बचपन फिर से जीने लगती है


विध्यालय,विश्वविध्यालय,नौकरी फिर परिवार में रम जाते

आने वाली पीढ़ी के लिए अपने तजुर्बे भी सिखा जाते


बच्चों को गोद में खिला दादा दादी को भी शैतानी सूझती 

दुनिया का मोह त्याग,बच्चों व प्रभु में उनकी दुनिया सिमटती 


जन्म से-प्रभु में लीन होने,हार पड़ाव की अपनी अलग चुनौती है 

जो जीना सीख गया उसके लिए ज़िंदगी सुंदर हीरे-मोती है!


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