जिंदगी का सफर, समझ नहीं आता
जिंदगी का सफर, समझ नहीं आता
कुछ सोचो कुछ हो जाता है
ये जिंदगी का सफर,
मुझे समझ नहीं आता है......
जब बारी हँसने की हो
तो आंसू आँख दिखाता है
ये जिंदगी का सफर,
मुझे समझ नहीं आता है......
हम बनाते हैं उसूल बहुत सारे,
जिंदगी चलती भाग्य के सहारे
भाग्य हँस के दाँत दिखाता है
ये जिंदगी का सफर
मेरी समझ नहीं आता है......
जो दिल के पास होते हैं
बो अक्सर दूर रहते हैं
जिनसे कोई वास्ता नहीं
बो अक्सर साथ चलते हैं
ये रिश्तों का भंवर, मुझे डुबो जाता है
ये जिंदगी का सफर,
मेरी समझ नहीं आता है.......