ज़िंदा कर गया कोई
ज़िंदा कर गया कोई
रूह में समा गया, यूँ अपना बना गया !!
विदा होकर कोई, जुदा होकर कोई !!
ज़ुल्फ़ें संवारती हूँ जब भी,
ख़ुद को निहारती हूँ तब भी !!
अक्स सिर्फ तेरा दिखता है आईने में !!
मुझे ख़ुद से ही जुदा कर गया कोई !!
एक फ़रेबी हँसी तेरे मासूम चेहरे की,
तेरी एक मुस्कुराहट दिलकश सी !!
लबों पर मेरे वही मुस्कान दे गया कोई !!
हिस्सा बन मेरे ख़्वाबों का,
यह क्या कर दिया तूने ??
हसीन हो गयी हूँ और जवाँ भी !!
मेरे जिस्म को, चेहरे को मेरे,
क्या से क्या कर गया कोई !!
रग रग में मोहब्बत भर गया कोई !!
भर दी जान, बेजान से जिस्म में मेरे,
हाँ !! मुझे ज़िंदा कर गया कोई !!
हाँ !! मुझे ज़िंदा कर गया कोई !!