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Kawaljeet Gill

Abstract Inspirational Others

4.5  

Kawaljeet Gill

Abstract Inspirational Others

जीवन की मधुशाला में....

जीवन की मधुशाला में....

2 mins
379


कभी कभी मेरी ये तनहाइयाँ मुझसे कई सवाल करतीं है

जवाब तो हर सवाल का हमारे पास होता है पर खामोश रहते है

क्यों हम जवाब दे हर सवाल का हर किसी को चाहे वो तनहाइयाँ ही हो

कभी कभी हमको खामोश रहना ही अच्छा लगता है कुछ शांति चाहते है

अपनी ही अंतरात्मा से क्यों और किस लिए हम लड़े बार बार

और अशांति बनाये जीवन में अपने.......


जीवन है ये इस जीवन की मधुशाला में हमको तनहाइयों से प्यार सा

जाने क्यों हो जाता है,

चलते चलते रुक जाते है कभी कभी और फिर उठकर

चल पड़ते है तेज रफ्तार से,

ठोकरें खा खा कर भी हम जाने क्यों कदम अपने बढ़ाते है

गिरते है और उठते है,

हिम्मत हारना कभी सीखा नहीं जीतकर ही हर बाज़ी हम दम लेते है,

कभी आँसू जो निकल भी आते है तो उनको पोंछकर

फिर से खुश हो लेते है......

जानते है हम की प्यार की राहो में जीवन की मधुशाला में

बहुत दर्द मिलते है,

प्यार के नाम से भी दूर ही रहते थे कभी हम फिर क्यों

प्यार की राहो पर चल निकले,

जो भी हो अब हर फैसला हमको मंजूर प्यार मिले या

बिछड़ जाए सदा के लिए रब को

जो मंजूर वो हमको मंजूर,

तेरे नाम की हज़ारों कवितायें हमारी मधुशाला में है

अमानत बनकर हमारे पास पड़ी हुई,

जब भी तुम लौट कर आओगे हम तेरी हर अमानत तेरे हवाले कर देंगे .......


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