जीवन एक रंगमंच
जीवन एक रंगमंच
स्वपन को इस तरह सजाया मैंने
बोझिल हुए नैन फिर दबे पांव खुद को चलाया मैंने
अर्सो बरसो बीते दिनों में कभी नहीं बतलाया मैंने
टूटे नैन बसेरे जब्त कर एक नई पहचान बनाया मैंने
बना लिया एक गर्दिश में मकान अपना
उसमे संघर्षों का सत्यापन कराया मैंने
जीवन के इस रंगमंच पर
आघातों से पाट दिया स्वपनों को
फिर जीवन की गाथाओं में लिख कहानी अपनी
एक नई पहचान बनाया मैंने।।।