जीवन और मृत्यु का संघर्ष
जीवन और मृत्यु का संघर्ष
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जीवन और मृत्यु के बीच में
बस इतना सा फसाना है
आज जो कुछ भी है
सब गुमनामी में हो जाना है।।
एक अनजान सी राह में
अनजान है लोग सारे
कुछ पल की ज़िन्दगी में
बेईमान है लोग सारे।।
कुछ खुद से बेईमानी करते है
कुछ खुद के लिए करते है
एक अनजानी सी जंग के लिए
एक दूसरे से बैर करते है।।
कुछ लोग हिन्दू है यहां
कुछ लोग है मुसलमां
आखिर इस दुनिया में
अब कौन बचा है इंसान।।
ज़िन्दगी की कीमत अब
कुछ नहीं है यहां
एक अनजानी सी जीत के लिए
लोग हो जाते है क़ुर्बान ।।
जीवन और मृत्यु के बीच में
बस इतना सा फसाना है
आज जो कुछ भी है
सब गुमनामी में हो जाना है।।