जी भर जिओ
जी भर जिओ
एक दौर ये भी था,
वक्त नहीं मिलता था,
अपनों के लिए,
शिकायत थी, ज़माने भर की
कहते थे ,चाह कर भी नहीं।
मिलता वक्त अपनों के लिए,
आज मिला है, तो जी भर जिओ,
किसी बहाने ही सही
घर पे हो तो सभी
गिले शिक़वे दूर करो
अपनों के साथ कुछ हंसी के
पल बिताओ,और जो सोचा था
ये करेंगे वो करेंगे,मिले फुर्सत अगर
आज मिला है ,इसको
जी भर जी डालो,
गीत गाओ, नाचो बच्चों के संग,
माँ,बाप ,पत्नी,बहन ,भाइयो के संग,
इस समय को भी सुंदर बनाओ,
आओ इस पल में जी भर जी जाओ।