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Sarita Saini

Abstract

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Sarita Saini

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जगत जननी माॅ

जगत जननी माॅ

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आदिशक्ति जगत जननी माॅ तू शक्ति का भंडार है

जो भी तेरी अर्चना करे उसका तो उद्धार है 


महिषासुर का वध करके भक्तों का कल्याण किया

दीन-दुखि जो ही आए तेरे दर से न खाली जाए, 


तेरे पावन चरणों में हम सब अपना शीश झुकायें।


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